राजस्थान

शीतला अष्टमी पर माता को लगाया जाएगा ठण्डे पकवानों का भोग, चाकसू में भरेगा मेला

प्रभात संवाद, 20 मार्च, जयपुर। शीतला सप्तमी के दिन व्रत करने और पूजा करने से माता शीतला चेचक, खसरा आदि रोगों को नियंत्रित करती है और उन लोगों को इन रोगों के प्रकोप से सुरक्षा प्रदान करती हैं। शीतला अष्टमी से ठीक एक दिन पहले शीतला सप्तमी मनाई जाती है। शीतला अष्टमी को बास्योडा भी बोला जाता है। दोनों ही दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी को मनाया जाता है। राजस्थान के चाकसू में प्रतिवर्ष शीतला माता का मेला भरता है। साथ ही इस दिन स्थानीय स्तर पर कलक्टर के आदेश पर अवकाश घोषित भी किया जाता है। सुबह से ही मंदिरों में माता को भोग लगाने का सिलसिला शुरु हो जाता है। ठण्डे पकवान एक दिन पहले ही तैयार किए जाते है और भोग लगाने के बाद दिन भर उन्ही पकवानों को प्रसाद के रुप में सेवन किया जाता है।

शेखर झा

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