गर्मी में भी राहत देती है जयपुर के किलों की शीतलता
प्रभात संवाद, 9 मई, जयपुर । हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में जब पर्यटकों की उमड़ती भीड़ से परेशान हों और कश्मीर में आतंकवाद के कारण मन में कोई दूसरा पर्यटक स्थल चुनने का मन करें तो आप बेहिचक राजस्थान का रूख कर सकते हैं। यह बात सही है कि यहां पर धूल की आंधियों तथा पत्थरों के गर्म होने के कारण घूमना-फिरना काफी मुश्किल हो सकता है लेकिन यहां के किले ऐसे हैं कि जब आप उनमें एक बार प्रवेश कर जाते हैं तो आपको गर्मी का अहसास तक नहीं होता। और जयपुर के किले तो इतने शानदार तथा शीतलता देते हैं कि मन करता है कि इनमें ही पूरे दिन घूमते हुए मस्ती की जाए।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक किले हैं तथा इनकी सांस्कृतिक विरासत ऐसी है कि आप इनकी सुंदरता में खो जाएंगे। सुंदरता में यह किले देश में अपना सानी नहीं रखते। और यही कारण है कि जब भी कोई विदेशी प्रधानामंत्री या राष्ट्रपति भारत की यात्रा पर आता है तो वह ताजमहल के साथ ही जयपुर को भी अपनी यात्रा में शामिल करता है। जयपुर आकर वह यहां के किले देखने जरूर जाता है। जयपुर और उसके आसपास यूं तो कई किले हैं,लेकिन आमेर दुर्ग,जयगढ़ तथा नाहरगढ़ के किले जैसा कोई नहीं है। इन तीनों की अपनी विशेषताएं हैं। और जब गर्मी में चालीस डिग्री के आसपास तापमान रहता है तब भी इनके अंदर का तापमान इतनी कम होता है कि आपको एयरकंडीशनर से अधिक ठंड महसूस होगी।
आमेर का किला:इस किले में प्रवेश करते ही मावठा आपका स्वागत करता है और इसके पानी को छुकर आती ठंडी हवा आपको शीतलता का अहसास कराती है। लाल बलुआ पत्थर तथा संगमरमर से निर्मित यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर है और यहां कि सुख निवास में जलधाराओं से शीतल वातावरण भीषण गर्मी में भी ठंडा रहता है। सोलहवीं शताब्दी में कछवाहा राजपूत राजाओं के द्वारा बनवाए गए इस किले को ठंडा रखने के लिए बड़े वातायन और झरोखे हैं जो हवा को अंदर आने देने के लिए इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि उनमें से गर्म हवा बाहर आती है और ठंडी हवा अंदर जाती है। चेज और वेंटिलेशन सिस्टम हवा को संचातिर करने में मदद करने के साथ ही ठंठा करते हैं जिससे यह दोपहरी को भी उतनी ही ठंडे होते हैं जितने प्रात:। एक विशेष बात यह भी कि इनकी छतें भी इस तरह की हैं कि ठंडी हवा ही अंदर आए। आमेर किले की मोटी दीवारें तो ठंडक की रक्षक हैं ही।
नाहरगढ़ का किला: यह अरावली पर्वतमाला में ऊपर बना हुआ ऐसा किला है जिससे देखने पर जयपुर की खूबसूरती आपका मनमोह लेती है। दोपहर के समय में भी यहां पर जब खड़े होकर दूर तक देखते हैं तो आपको ऐसा लगता है कि जैसे आप किसी दूसरे संसार में आ गए हैं। ठंडी हवा आपके शरीर को यह बताने के लिए काफी होती है कि गर्म पत्थरों के बाद भी आप राजसी ठंडक का आनंद ले रहे हैं। इस किले को जयपुर का रक्षक किला भी कहा जाता है। इसकी सुंदरता का अंदाज इसी से लग सकता है कि यहां पर राजा की नौ रानियों के लिए जो नौ महल बनाए गए हैं वह आज भी अपने वैभव के कारण बेमिसाल हैं। इस किले में जब आप आते हैं तो यहां के गाइड आपको जयपुर की बेपनाह सुंदर रानी रसकपूर की कहानी जरूर बताते हैं। कहां तो यहां तक जाता है कि वह अपने पति जगतसिंह से मिलने के लिए यहीं से गैटोर की छतरियों पर गई थी। इस किले की सैन्य चौकियां तथा एक टांका भी आपको ठंडक देने के लिए आमंत्रित करता है। वैसे यहां पर कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। और अगर आप रात को यहां के नजारे देखना चाहते हैं तो बस तारों भरा आसमान जैसा दृश्य आपके लिए तैयार है।
जयगढ़ का किला:यह किला भी आमेर तथा नाहरगढ़ दुर्ग के पास ही चील के टीले पर बना हुआ है। किवदंती है कि इसे आमेर महल की रक्षा के लिए बनवाया गया था। यह किला दो कारणों से खास है। एक तो यहां पर दुनिया की सबसे बड़ी तोप जिसे जयबान के नाम से जाना जाता है रखी है और इससे पूरे जीवन काल में सिर्फ एक बार ही गोला चलाया गया था। यहीं पर युद्ध में काम आने वाले अस्त्र-शस्त्र बनते थे,राजा का तोपखाना भी यहीं था। इसे राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का साक्षी तो कहते ही हैं साथ ही विजय किला भी माना जाता है। यहां से सुरंगों के माध्यम से आमेर किले में भी जाया जा सकता है। यहां पर स्थित पानी के टांके के नीचे अकूत खजाना होना भी एक रहस्य है। इसी खजाने को खोजने के लिए इंदिरा गांधी ने सेना की मदद भी ली थी ऐसा यहां के गाइड बताते हैं। पर जब इस किले में घूमते हैं तो दोपहर को मोटी दीवारों से छनकर आती ठंडी हवाएं आपको पहाड़ों पर होने का अहसास कराती हैं।
कैसे पहुंचें:जयपुर देश में कहीं से भी पहुंचा जा सकता है। यहां के लिए हवाई सेवा तथा रेलनेटवर्क पूरे देश में है। यदि आप बस से आना चाहते हैं तो राज्यों की राजधानियों से यहां के लिए बस आराम से मिल जाती हैं।
कब आएं और कहां ठहरें: बैसे तो यहां पर आने का सीजन बारिश और सर्दी का है पर यदि आपको सिर्फ किले और महल एक्सपोलर करने हैं तो कभी भी आ सकते हैं। गर्मी में यहां पर आपको ठंडक का अहसास यह किले कराते रहेंंगे। जहां तक ठहरने की बात है तो यहां पर पांच सौ रुपए में भी होम स्टे-होटल मिल जाएंगे। अगर कुछ अधिक खर्च करना चाहते हैं तो यहां का रामबाग होटल आपके लिए है पर उसका एक रात का किराया पांच लाख तक हो सकता है।
मनोज वार्ष्णेय
लेखक, पत्रकार