स्वास्थ्य

सड़क हादसों में जीवन रक्षा के लिए जल्द बनेगा प्रभावी एक्शन प्लान : मुख्य सचिव श्री वी श्रीनिवास

जयपुर, 22 नवम्बर। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम एवं सड़क हादसों में जीवन रक्षा के लिए एक प्रभावी एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। ट्रॉमा केयर पॉलिसी बनाई जाएगी एवं लेवल-1 एवं लेवल-2 ट्रोमा सेंटर्स का मिशन मोड में सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। राज्य सरकार जल्द ही इसके लिए पूरा रोड मैप तैयार करेगी, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को न्यूनतम किया जा सके।

मुख्य सचिव श्री वी श्रीनिवास ने शनिवार को सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के निरीक्षण के दौरान इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के दिशा-निर्देशानुसार प्रदेश में सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन एवं निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट के आधार एक प्रभावी एक्शन प्लान तैयार कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

जीवन रक्षक उपकरणों एवं मानव संसाधन की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित होगी
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में सड़क हादसों के दौरान त्वरित उपचार उपलब्ध करवाने के लिए ट्रोमा सेंटर्स में सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। ट्रोमा सेंटर्स में पर्याप्त संख्या में आईसीयू बेड्स, जीवन रक्षक उपकरण, जांच एवं दवाओं की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, रोगी भार के अनुपात में पूर्णतः प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।

प्रशिक्षणार्थियों से किया संवाद-
मुख्य सचिव ने ट्रोमा सेंटर में आपातकालीन कक्ष, आईसीयू एवं वार्ड में जाकर उपलब्ध सुविधाओं और उपचार की प्रक्रिया को बारीकी से देखा और रोगियों एवं उनके परिजनों से भी संवाद कर फीडबैक लिया। साथ ही, ट्रोमा सेंटर में संचालित बीएलएस ट्रेनिंग सेंटर का भी निरीक्षण किया तथा यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतिभागियों से संवाद किया।

बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रदेशभर में किया जाएगा लागू-
मुख्य सचिव ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल का ट्रोमा सेंटर लेवल-1 श्रेणी का है। यहां के प्रशिक्षण केंद्र में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य व्यक्तियों को प्रभावी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस ट्रोमा सेंटर सहित देशभर में सड़क सुरक्षा एवं जीवन रक्षा के लिए अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। प्रदेश के अन्य ट्रोमा सेंटर्स को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि गोल्डन ऑवर्स में घायलों का जीवन बचाया जाना और अधिक सुगम हो सके।

ट्रोमा सेंटर्स की स्थिति के बारे में ली जानकारी-
निरीक्षण के उपरांत मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में मरीज भार, उपलब्ध संसाधनों एवं मानव संसाधन के बारे में विस्तार से जानकारी ली। साथ ही, प्रदेश के अन्य ट्रोमा सेंटर्स की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।

अब तक 8 हजार को बीएलएस प्रशिक्षण-
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा श्रीमती गायत्री राठौड़ ने ट्रोमा सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां संचालित स्किल लैब देश की ऐसी पहली लैब है, जहां सड़क दुर्घटना के दौरान घायलों को बेसिक लाइफ सपोर्ट देने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। अब तक यहां पर 8 हजार से ज्यादा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, ताकि वे आपातकाल के शुरुआती चरणों में सहायता कर सकें। उन्होंने बताया कि 2500 से ज्यादा डॉक्टर तथा नर्सिंग ऑफिसर को भो इसकी ट्रेंनिग दी जा चुकी है।

13 नए बीएलएस प्रशिक्षण सेंटर बनाए जा रहे
शासन सचिव, परिवहन श्रीमती शुचि त्यागी ने बताया कि जल्द ही राजस्थान में 13 बीएलएस ट्रेनिंग सेंटर बनाए जा रहे है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी।

ट्रोमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. बीएल यादव एवं उप अधीक्षक डॉ. जगदीश मोदी ने सेंटर में उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री प्रवीण गुप्ता, डीजीपी ट्रैफिक श्री अनिल पालीवाल, मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. अमित यादव, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री नरेश गोयल, निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ. राकेश जैन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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